बाढ़ पीड़ितों के हक की लड़ाई के लिए 10 को कलेक्ट्रेट पर होगा धरना प्रदर्शन।
शुक्रवार को करुआमोड में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिले के त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों ने एलान किया। प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष बलबीर चांद ने कहा कि यह तो लोकतंत्र की हत्या है। बाढ़ पीड़ितों के हक के लिए जब जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन किया जाता है तो उनपर एफआईआर कर झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है। वहीं मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष ममता देवी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के हक के लिए जिले के तमाम प्रतिनिधि एकजुट होकर आन्दोलन करने को बाध्य हो गये हैं। कहा कि आम लोंगों के हक के लिए प्रखंड से लेकर राज्य तक आंदोलन किया जाएगा।
वहीं जिप उपाध्यक्ष मिथलेश यादव ने कहा कि जिला प्रशाशन राहत से वंचित छूटे हुए बाढ़ पीड़ितों को जीआर की राशि और फ़ूड पैकेट दें। किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दें। किसानों का ऋण माफ हो। गलत रिपोर्ट भेजने वाले सीओ पर कार्रवाई हो। साथ ही झूठे मुकदमे प्रशासन वापस लें। उक्त मांग को लेकर आगामी 10 अक्टूबर को समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष मनीषा देवी ने कहा कि प्रशाशन अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठे मुकदमे में फंसा रही है। अब एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ बिगुल फुंक दिया गया है। वही जिला परिषद सदस्य प्रवीण कुमार ने कहा आम जनों की समस्या के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार आंदोलन किया जाएगा। मौके पर गोगरी प्रखंड के प्रखंड प्रमुख श्रीकांत सिंह ने कहा कि पूरे जिले में आनन फानन में हजारों बाढ़ पीड़ितों को राहत से वंचित कर दिया गया है। वही मुखिया पप्पू मार्केंडेय ने कहा कि बिना अनुश्रवण समिति की बैठक किये ही सीओ द्वारा गलत रिपोर्ट भेजी गई। जिस कारण 7 हजार बाढ़ पीड़ित राहत राशि से वंचित रह गए। मौके पर प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि सुजय कुमार संजय, मुखिया नूतन देवी, भोला चौधरी, मख्खन साह, पूर्व जिप सदस्य अरुण यादव, अजित सरकार, पूर्व मुखिया राजेश सिंह आदि मौजूद थे।
शुक्रवार को करुआमोड में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिले के त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों ने एलान किया। प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष बलबीर चांद ने कहा कि यह तो लोकतंत्र की हत्या है। बाढ़ पीड़ितों के हक के लिए जब जनप्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन किया जाता है तो उनपर एफआईआर कर झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है। वहीं मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष ममता देवी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के हक के लिए जिले के तमाम प्रतिनिधि एकजुट होकर आन्दोलन करने को बाध्य हो गये हैं। कहा कि आम लोंगों के हक के लिए प्रखंड से लेकर राज्य तक आंदोलन किया जाएगा।
वहीं जिप उपाध्यक्ष मिथलेश यादव ने कहा कि जिला प्रशाशन राहत से वंचित छूटे हुए बाढ़ पीड़ितों को जीआर की राशि और फ़ूड पैकेट दें। किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दें। किसानों का ऋण माफ हो। गलत रिपोर्ट भेजने वाले सीओ पर कार्रवाई हो। साथ ही झूठे मुकदमे प्रशासन वापस लें। उक्त मांग को लेकर आगामी 10 अक्टूबर को समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष मनीषा देवी ने कहा कि प्रशाशन अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठे मुकदमे में फंसा रही है। अब एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ बिगुल फुंक दिया गया है। वही जिला परिषद सदस्य प्रवीण कुमार ने कहा आम जनों की समस्या के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार आंदोलन किया जाएगा। मौके पर गोगरी प्रखंड के प्रखंड प्रमुख श्रीकांत सिंह ने कहा कि पूरे जिले में आनन फानन में हजारों बाढ़ पीड़ितों को राहत से वंचित कर दिया गया है। वही मुखिया पप्पू मार्केंडेय ने कहा कि बिना अनुश्रवण समिति की बैठक किये ही सीओ द्वारा गलत रिपोर्ट भेजी गई। जिस कारण 7 हजार बाढ़ पीड़ित राहत राशि से वंचित रह गए। मौके पर प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि सुजय कुमार संजय, मुखिया नूतन देवी, भोला चौधरी, मख्खन साह, पूर्व जिप सदस्य अरुण यादव, अजित सरकार, पूर्व मुखिया राजेश सिंह आदि मौजूद थे।
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