रिपोर्ट:-रंजीत रमण
अरवल:- ।* दिनांक 04-07-2018 को जदयू का अरवल जहानाबाद जिला में अति पिछड़ा सम्मेलन और रोड शो होने वाला है जिस पर छात्र राजद के अरवल के पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रंजन उर्फ रवि कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार में सम्मेलनों का दौर शुरू हो चुका है , जदयू के एक बड़े नेता आर.सी.पी. सिंह के अगुआई में पूरे बिहार में अति पिछड़ा सम्मेलन किया जा रहा है मगर क्या जदयू को नैतिक अधिकार है इस तरह का सम्मेलन करने की ? विगत एक साल से बिहार में सुनियोजित तरीके से दलित-महादलित , पिछड़ा-अतिपिछड़ा , अल्पसंख्यक भाइ-बहनों पर सामूहिक अत्याचार बढ़ा है वो कही न कही सरकार की अति पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शाती है, सरकार को पहले पिछड़ा- अतिपिछड़ा समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए जिनको एक साल से बेक़सूर होते हुए भी शराबबंदी कानून के तहत कालकोठरी में बंद करके रखा गया है। जिनके उत्थान की बात सरकार कर रही है उस वर्ग के बहुसंख्यक आबादी सरकार के जनविरोधी शराब और बालू खनन नीति से प्रभावित है। सरकार अपने नियत और नीतियों में बदलाव लाये। अन्यथा ऐसे सम्मेलन सिर्फ और सिर्फ हास्यास्पद विषय बन कर रह जायेगा। छात्र नेता रवि रंजन उर्फ रवि कुमार ने इस सम्मेलन को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बताते हुए छलावा करार दिया है।
अरवल:- ।* दिनांक 04-07-2018 को जदयू का अरवल जहानाबाद जिला में अति पिछड़ा सम्मेलन और रोड शो होने वाला है जिस पर छात्र राजद के अरवल के पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रंजन उर्फ रवि कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार में सम्मेलनों का दौर शुरू हो चुका है , जदयू के एक बड़े नेता आर.सी.पी. सिंह के अगुआई में पूरे बिहार में अति पिछड़ा सम्मेलन किया जा रहा है मगर क्या जदयू को नैतिक अधिकार है इस तरह का सम्मेलन करने की ? विगत एक साल से बिहार में सुनियोजित तरीके से दलित-महादलित , पिछड़ा-अतिपिछड़ा , अल्पसंख्यक भाइ-बहनों पर सामूहिक अत्याचार बढ़ा है वो कही न कही सरकार की अति पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शाती है, सरकार को पहले पिछड़ा- अतिपिछड़ा समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए जिनको एक साल से बेक़सूर होते हुए भी शराबबंदी कानून के तहत कालकोठरी में बंद करके रखा गया है। जिनके उत्थान की बात सरकार कर रही है उस वर्ग के बहुसंख्यक आबादी सरकार के जनविरोधी शराब और बालू खनन नीति से प्रभावित है। सरकार अपने नियत और नीतियों में बदलाव लाये। अन्यथा ऐसे सम्मेलन सिर्फ और सिर्फ हास्यास्पद विषय बन कर रह जायेगा। छात्र नेता रवि रंजन उर्फ रवि कुमार ने इस सम्मेलन को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बताते हुए छलावा करार दिया है।
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